जरा सुन हसीना ऐ नाज़ानिं - The Indic Lyrics Database

जरा सुन हसीना ऐ नाज़ानिं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - कौन अपना कौन पराया | वर्ष - 1963

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ज़रा सुन हसीना ऐ नाज़नीं
मेरा दिल तुझ ही पे निसार है
तेरे दम से ही मेरे दिलरुबा
मेरी ज़िंदगी में बहार हैहुई जब से मुझ पे तेरी नज़र
मैं हूँ अपने आप से बेख़बर
हुआ जब से दिल में तेरा गुज़र
मुझे चैन है न क़रार हैतेरे हुस्न से जो सँवर गई
वो फ़िज़ाएं मुझको अज़ीज़ हैं
तेरी ज़ुल्फ़ से जो लिपट गईं
मुझे उन हवाओं से प्यार हैये हसीन फूलों की डालियाँ
तुझे दे रही है सलामियाँ
मुझे क्यों न रश्क़ हो ऐ सनम
तेरे साथ फ़स्ल-ए-बहार है