जानूँ जानूँ री - The Indic Lyrics Database

जानूँ जानूँ री

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - आशा भोसले - गीता दत्त | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - इन्सान जाग उठा | वर्ष - 1959

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जानूँ जानूँ री, काहे खनके है तोरा कंगना
मैं भी जानूँ री छुपके कौन आया तोरे अँगना
पीपल की छैंया तले बतियाँ बनायके
भोले-भाले दिल को ले गया उड़ायके
सखी जानूँ री, झूमे है काहे तोरा झुमका
बैंया मरोड़के, घेरके घिरायके
बैठ गए छैलवा मन में समायके
गोरी जानूं मैं कहाँ पे गिरी है तोरी बिन्दिया
तू ना कह किसीसे, मैं भी ना कहूंगी
अच्छा तो बन जा तू उनकी मैं उनकी रहूंगी
कोई क्या करे बाजे जब पाँव की पायलिया