परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता - The Indic Lyrics Database

परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता

गीतकार - बशीर बद्री | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - आईना | वर्ष - 2000

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परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता
किसी भी आईने में देर तक चेहरा नहीं रहता
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फासला रखना
जहाँ दरिया समंदर से मिला दरिया नहीं रहता
तुम्हारा शहर तो बिलकुल नए अंदाज़ वाला है
हमारे शहर में भी अब कोई हमसा नहीं रहता
मोहब्ब्त एक खुश्बू है, हमेशा साथ चलती है
कोई इन्सान तनहाई में भी तनहा नहीं रहता