एक बंजारा गाए, जीवन के गीत सुनाए - The Indic Lyrics Database

एक बंजारा गाए, जीवन के गीत सुनाए

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - जीने की राह | वर्ष - 1969

View in Roman

सुनो एक तराना, नया एक फ़साना
के आँगन में मेरे सवेरे सवेरे
एक बंजारा गाए
जीवन के गीत सुनाए
हम सब जीने वालों को
जीने की राह बताए
ज़माने वालों किताब-ए-ग़म में
ख़ुशी का कोई फ़साना ढूँढो
अगर जीना है ज़माने में तो
हँसी का कोई बहाना ढूँढो
आँखों में आँसू भी आए
तो आकर मुस्काए
सभी का देखो नहीं होता है
नसिबा रौशन सितारों जैसा
सयाना वो है जो पतझड़ में भी
सजा ले गुलशन बहारों जैसा
कागज़ के फूलों को भी
जो महकाकर दिखलाए