मुड़-मुड़के न देख, मुड़-मुड़के - The Indic Lyrics Database

मुड़-मुड़के न देख, मुड़-मुड़के

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - आशा, मन्ना दे | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - श्री 420 | वर्ष - 1955

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मुड़-मुड़के न देख, मुड़-मुड़के
ज़िन्दगानी के सफ़र में तू अकेला ही नहीं है
हम भी तेरे हमसफ़र हैं
आज की रंगीन राहों में आ
चाहत इन डूबी निगाहों पे छा
हमसे ही हमको चुराकर दिखा
अहा हा हा आ ऽऽ
मुड़-मुड़के न देख, मुड़-मुड़के
आये गये मंज़िलों के निशाँ
लहरा के झूमा झुका आसमाँ
लेकिन रुकेगा न ये कारवाँ
अहा हा हा आ ऽऽ
मुड़-मुड़के न देख, मुड़-मुड़के
मुड़-मुड़के न देख, मुड़-मुड़के
ज़िन्दगानी के सफ़र में तू अकेला ही नहीं है
हम भी तेरे हमसफ़र हैं, हे!
मुड़-मुड़के न देख, मुड़-मुड़के
नैनों से नैना जो मिलाके देखे
मौसम के साथ मुस्कुराके देखे
दुनिया उसीकी है जो आगे देखे
मुड़-मुड़के न देख, मुड़-मुड़के
दुनिया के साथ जो बदलता जाये
जो इसके ढाँचे में ही ढलता जाये
दुनिया उसीकी है जो चलता जाये
मुड़-मुड़के न देख, मुड़-मुड़के