मेरे ख्वाबों का हर एक नक्श मिटा दे कोई - The Indic Lyrics Database

मेरे ख्वाबों का हर एक नक्श मिटा दे कोई

गीतकार - सईद क़ादरी | गायक - उदित नारायण | संगीत - एम एम करीम | फ़िल्म - जिस्म | वर्ष - 2003

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मेरे ख़्वाबों का हर एक नक़्श मिटा दे कोई -२
सूखे पत्तों का बचा ढेर जला दे कोई
मेरे ख़्वाबों का हर एक नक़्श मिटा दे कोईमेरी पहचान का एक शख़्स इसी शहर में है -२
मैं भी ज़िन्दा हूँ ज़रा उसको बता दे कोई
मेरे ख़्वाबों का हर एक नक़्श मिटा दे कोईकुछ तो तन्हाई का एहसास मुझे कम होगा -२
मेरे साये से अगर मुझको मिला दे कोई
मेरे ख़्वाबों का हर एक नक़्श मिटा दे कोई
सूखे पत्तों का बचा ढेर जला दे कोई
मेरे ख़्वाबों का हर एक नक़्श मिटा दे कोई