ये आंखें देख कर हम सारी दुनिया भुल जाते हैं - The Indic Lyrics Database

ये आंखें देख कर हम सारी दुनिया भुल जाते हैं

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर, सुरेश वाडेकर | संगीत - हृदयनाथ मंगेशकर | फ़िल्म - धनवान | वर्ष - 1981

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ये आँखें देख कर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं
इन्हें पाने की धुन में हर तमन्ना भूल जाते हैं
ये आँखें ...तुम अपनी महकी महकी ज़ुल्फ़ के पेचों को कम कर दो
मुसाफ़िर इनमें गिरकर अपना रस्ता भूल जाते हैंये आँखें ...ये आँखें जब हमें अपनी पनाहो में बुलाती हैं
हमे अपनी क़सम हम हर सहरा भूल जाते हैंतुम्हारे नर्म-ओ-नाज़ुक होंठ जिस दम मुस्कराते हैं
बहारें झेंपतीं फूल खिलना भूल जाते हैंये आँखें ...बहुत कुछ तुम से कहने की तमन्ना दिल में रखते हैं
मगर जब सामने आते हो तो कहना भूल जाते हैंमुहब्बत में ज़ुबां चुप हो तो आँखें बात करतीं हैं
ये कह देती हैं वो बातें जो कहना भूल जाते हैंये आँखें ...