जरा रुक रुक के मैं टू द्वार चलिए सखी - The Indic Lyrics Database

जरा रुक रुक के मैं टू द्वार चलिए सखी

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - आशा: | वर्ष - 1957

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ज़रा रुक रुक के ज़रा थम थम के
मैं तो द्वार चली सखी बालम के -२
ज़रा रुक रुक के हो ज़रा थम थम के
मैं तो द्वार चली सखी बालम के -२मेरी अंखियों में धार है काजल की
धार काजल की
मेरी ज़ुल्फ़ों में लहर है बादल की
धार काजल की
मेरी पायल में सुर है सरगम के -२हो ज़रा रुक रुक के हो ज़रा थम थम के
मैं तो द्वार चली सखी बालम के -२मेरे दिल में लगन जब तेरी है
मेरे दिल में
मेरे दिल में लगन जब तेरी है
फिर ग़म क्या जो रात अंधेरी है
मेरी बिंदिया
हो मेरी बिंदिया का थय्या चम चम चमकेहो ज़रा रुक रुक के हो ज़रा थम थम के
मैं तो द्वार चली सखी बालम के -२मैंने देखी है झलक इक साजन की
इक साजन की
अब प्यास बुझी मेरी अंखियन की
मेरी अंखियन की
जली जोत ख़ुशी की गये दिन ग़म केहो ज़रा रुक रुक के हो ज़रा थम थम के
मैं तो द्वार चली सखी बालम के -२