आँख पुरनम लबों पे दम लगी है आग सीने में - The Indic Lyrics Database

आँख पुरनम लबों पे दम लगी है आग सीने में

गीतकार - वर्मा मलिक | गायक - सुरैया | संगीत - धनीराम | फ़िल्म - तकदीर / अपना खून | वर्ष - 1958

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आँख पुरनम लबों पे दम लगी है आग सीने में
इसी का नाम जीना है तो क्या रखा है जीने में

ओ बेवफ़ा कर के जफ़ा-2
ये तूने क्या किया
हाय ये तूने क्या किया
मेरी मासूम उल्फ़त को ये धोखा क्यूँ दिया
हाय ये तूने क्या किया
ओ बेवफ़ा

भरोसा कर के तुझपे आस इक दिल को लगाई थी
तुझे अपना बना कर इक नई दुनिया बसाई थी
तुझे दिल दे के अपना अपनी क़िस्मत आज़माई थी

ओ बेवफ़ा कर के जफ़ा
ये तूने क्या किया
हाय ये तूने क्या किया
ओ बेवफ़ा

मेरी रंगीन रातों का सहारा तोड़ने वाले
मेरी कश्ती को तूफ़ानों में ला कर छोड़ने वाले
मेरी ख़ुशियाँ मेरे अरमाँ मेरा दिल तोड़ने वाले

ओ बेवफ़ा कर के जफ़ा
ये तूने क्या किया
हाय ये तूने क्या किया
मेरी मासूम उल्फ़त को ये धोखा क्यूँ दिया
हाय ये तूने क्या किया
ओ बेवफ़ा$