आँख मिलाने के लिये दिल है लगाने के लिये - The Indic Lyrics Database

आँख मिलाने के लिये दिल है लगाने के लिये

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - गीता | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - चंदन | वर्ष - 1958

View in Roman

आँख मिलाने के लिये दिल है लगाने के लिये
ये जहाँ महरबाँ मौज मनाने के लिये

चाँदनी जब तलक है जवाँ झूम ले
डाली डाली घूम ले मुँह कलियों का चूम ले
देख बहारों का समा नहीं अब आने के लिये
ये जहाँ महरबाँ मौज मनाने के लिये

ज़िंदगी क्या ख़बर आज है कल न हो
प्यार की ये महफ़िल न हो दिल में ये हलचल न हो
कोई मिले या न मिले नाज़ उठाने के लिये
ये जहाँ महरबाँ मौज मनाने के लिये

दो घड़ी प्यार कर मुस्कुरा गाए जा
काँटों को ठुकराए जा फूलों को अपनाए जा
एक बहाना ढूँढ ले रंग जमाने ले लिये
ये जहाँ महरबाँ मौज मनाने के लिये$