जब दिल में नहीं है खोट - The Indic Lyrics Database

जब दिल में नहीं है खोट

गीतकार - अनवर फारूखाबादी | गायक - मन्ना डे | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - बैंक मैनेजर | वर्ष - 1959

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जब दिल में नहीं है खोट तो फिर क्यूँ डरता है
नादान यहाँ जो करता है वो भरता है
हो ओ ओ ओ ओ जब दिल में नहीं है खोट तो फिर क्यूँ डरता है
नादान यहाँ जो करता है वो भरता है
हो ओ ओ ओ ओ जब दिल में नहीं है खोट तो फिर क्यूँ डरता है
कहाँ चला है ठोकर खाने, ये रस्ते हैं अनजाने
(इक पाप छुपाने की ख़ातिर, सौ पाप न कर दीवाने)
क्यों जीते जी तू मौत का सौदा करता है
नादान यहाँ जो करता है वो भरता है
हो ओ ओ ओ ओ जब दिल में नहीं है खोट तो फिर क्यूँ डरता है
जब साफ़ तेरा ये दिल है, किस बात की फिर मुश्किल है
(भगवान है तेरी रक्षा को, इन्साफ़ तेरी मंज़िल है)
इस राह में तू डर डर के क़दम क्यूँ धरता है
(नादान यहाँ जो करता है वो भरता है
हो ओ ओ ओ ओ जब दिल में नहीं है खोट तो फिर क्यूँ डरता है)