मैं सुनाता हुन तुझे तु हो के बड़ा बन जाना - The Indic Lyrics Database

मैं सुनाता हुन तुझे तु हो के बड़ा बन जाना

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - खानदान | वर्ष - 1965

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मैं सुनाता हूँ तुझे एक कहानी सुन ले
ओ मेरे लाल ज़रा मेरी जबानी सुन लेमेरे नन्हे मेरे मुन्ने मेरी औलाद है तू
मैने भगवान से जो की थी वो फ़रियाद है तूबाप हूँ तेरा मगर तुझको खिला सकता नहीं
दोनों हाथों से कभी तुझको उठा सकता नहींतू अगर चाहे कि बन जाऊँ मैं तेरा घोड़ा
जो न बन पाऊँ तो दुख होगा तुझे भी थोड़ालेकिन इक बात मेरे बच्चे तुझे याद रहे -२
दिल तेरी माँ का तेरे प्यार से आबाद रहेतू हो के बड़ा बन जाना अपनी माता का रखवाला
बदक़िस्मत के घर में हुआ है पैदा क़िस्मतवाला
तू हो के बड़ा ...तेरे दो हाथों की ताक़त ही तक़दीर है तेरी
मेहनत जिसका नाम है बेटा वो जागीर है तेरी
हर मुश्किल से लड़ सकता है दो दो हाथों वाला
तू हो के बड़ा ...देख किसी के रस्ते की दीवार कभी ना होना -२
जब तक जागे तेरा पड़ोसी तब तक तू न सोना
दर्द पराये का लेता है कोई नसीबों वाला
तू हो के बड़ा ...पाँव जहाँ तेरे पड़ जाएं फूल वहाँ खिल जाएं -२
प्यार से तेरे बिछड़े दिल भी आपस में मिल जाएं -२
कहता है ये चाँद सा मुखड़ा तू है मुहब्बत वाला
तू हो के बड़ा ...