गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे - The Indic Lyrics Database

गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे

गीतकार - गुलजार | गायक - हेमंत कुमार | संगीत - सलील चौधरी | फ़िल्म - काबुलीवाला | वर्ष - 1961

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गंगा आये कहाँ से, गंगा जाये कहाँ रे
आये कहाँ से, जाये कहाँ रे
लहराये पानी में जैसे धूप छाँव रे
रात कारी दिन उजियारा मिल गये दोनो साये
साँझ ने देखो रंग रूप के कैसे भेद मिटाये रे
लहराये पानी में जैसे धूप छाँव रे
काँच कोई माटी कोई रंग-बिरंगे प्याले
प्यास लगे तो एक बराबर जिस में पानी डाले रे
लहराये पानी में जैसे धूप छाँव रे
नाम कोई, बोली कोई, लाखों रूप और चेहरे
खोल के देखो प्यार की आँखें सब तेरे सब मेरे
लहराये पानी में जैसे धूप छाँव रे