ओ गोरी ओ छोरी कहां चल हो - The Indic Lyrics Database

ओ गोरी ओ छोरी कहां चल हो

गीतकार - मोती | गायक - लता मंगेशकर, सी रामचंद्र | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - नदिया के परी | वर्ष - 1948

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चि: ( ओ गोरी ओ छोरी कहाँ चली हो कहाँ चली हो
ल: मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली हो ) -२चि: छम छम छम बाजे तोरी पाँव की पयलिया -२
पलकों की ओट शर्माई हुई अँखियाँ
धड़के है छतियाँ
कौन अलबेले की भाग जगी हो खूब सजी हो
ल: मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली हो
चि: ओ गोरी ओ छोरी कहाँ चली हो कहाँ चली हो
ल: मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली होचि: दिल की ख़ुशी गोरी हमसे छुपाओ ना -२
अपने दिल की बात ज़रा हमें भी बताओ ना -२
ल: हटो जी सताओ ना -२
साजन के दिल की मैं दुनिया बसाउँगी
उनकी बनूँगी उन्हें अपन बनाऊँगी
उनपे दिल लुटाउँगी
दो दिलों के मिलने को रात भली हो रात भली हो
मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली हो
चि: ओ गोरी ओ छोरी कहाँ चली हो कहाँ चली हो
ल: मैं हूँ चली अपने साजन की गली हो साजन की गली हो