गुणगुणाता है गीत गाता है ये सामान - The Indic Lyrics Database

गुणगुणाता है गीत गाता है ये सामान

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - शान, सौम्य: | संगीत - शंकर एहसान लॉय | फ़िल्म - ये क्या हो रहा है | वर्ष - 2002

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गुनगुनाता है गीत गाता है ये समां
खिल रहे हैं गुल महक जाता है ये समां
खुश्बुओं में जैसे नहाता है ये समां
हम हैं जो इस पल यहाँ
बादल भी परबत भी नदियाँ भी धारे भी
सारे नज़ारे थे गुमसुम
जागी हवाएँ हैं जागी फ़िज़ाएँ हैं
आए यहाँ हैं जो हम तुम
गुनगुनाता है ...दिल पे जो बोझ थे वो सारे हल्के हुए
ज़िंदगी में नए रंग हैं छलके हुए
ज़ुल्फ़ें हैं खुल गईं
आँचल हैं ढलके हुए
होंठों पे जो सपने सजाता है ये समां
हर नज़र में जादू जगाता है ये समां
नई दास्तान कोई सुनाता है ये समां
हम हैं जो इस पल ...प्यार की रागिनी जबसे हमने सुनी
तबसे है राहों में ठंडी सी इक रोशनी
राह कैसी हसीं हम दोनों ने है चुनी
हमसे मिलके जो मुस्कुराता है ये समां
रूप कितने प्यारे दिखाता है ये समां
हर घड़ी को दिलकश बनाता है ये समां
हम हैं जो इस पल ...