प्रभु जी पहले पंव पखारुं - The Indic Lyrics Database

प्रभु जी पहले पंव पखारुं

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - सहगान, अमीरबाई | संगीत - शंकर राव व्यास | फ़िल्म - भारत मिलाप | वर्ष - 1942

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प्रभु जी -२
पहले पाँव पखारूँ
पर्भु फिर गंगा पार उतारूँ -२पहले पाँव पखारूँ
पर्भु फिर गंगा पार उतारूँ -२गंगा पार उतारूँ प्रभु जी प्रभु जी
पहले पाँव पखारूँ
पर्भु फिर गंगा पार उतारूँ -२चरन-कमल की धूल तुम्हारी
छूने में चित के डर भारी
हो गई शिला अहिल्या नारी
ऐसे ना हो नाव हमारी
मैं क्यूँ काज बिगारूँ
पर्भु फिर गंगा पार उतारूँ -२चरन कमल से गंगा जी ने
पावन जल ये पाया
हो
चरन कमल से गंगा जी ने
पावन जल ये पाया
धो कर पाँव पिये चरनाम्रित -२
तर जाये ये काया
हु हु हुहम नैया के खेवैया -२
तुम भव-सागर पार करैया -२
मेल-जोल का ऐसा नाता -२
मैं न कभी बिसारूँ
पर्भु फिर गंगा पार उतारूँ -२
पर्भु जी -३