जाते हो तो जाओ हम भी यहाँ वादों के सहारे जी लेंगे - The Indic Lyrics Database

जाते हो तो जाओ हम भी यहाँ वादों के सहारे जी लेंगे

गीतकार - सागर निजामी | गायक - लता | संगीत - सज्जाद हुसैन | फ़िल्म - खेल | वर्ष - 1950

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जाते हो तो जाओ हम भी यहाँ वादों के सहारे जी लेंगे
ख़ुद दे के किसी को दिल अपना कुछ खेल नहीं जीना लेकिन
घुट घुट के सही मर मर के सही
घुट घुट के सही मर मर के सही जैसे भी बनेगा जी लेंगे
रुसवा न करेंगे हम तुम को सीने से लगा लेंगे ग़म को
हो ऽ ऽ
उमड़े जो कभी दिल से आँसू हम दिल ही दिल में पी लेंगे
जाते हो तो जाओ हम भी यहाँ वादों के सहारे जी लेंगे
सीने से लगा कर यादों को ख़ामोश रहेंगे रातों को
शिकवे जो ज़बाँ पर आये कभी होटों से ज़बाँ को सी लेंगे
जाते हो तो जाओ हम भी यहाँ वादों के सहारे जी लेंगे