चांद तारे तोड लाऊँ, सारी दुनिया पर मैं छाऊँ - The Indic Lyrics Database

चांद तारे तोड लाऊँ, सारी दुनिया पर मैं छाऊँ

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - अभिजीत | संगीत - जतिन - ललित | फ़िल्म - यस बॉस | वर्ष - 1997

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जो भी चाहूँ, वो मैं पाऊँ
ज़िन्दगी में जीत जाऊँ
चांद तारे तोड लाऊँ
सारी दुनिया पर मैं छाऊँ
बस इतना सा ख्वाब है
बस इतना सा ख्वाब है
यार तू भी सून जरा, आरजू मेरी है क्या
मैं क्या बन जाना चाहता हूँ
मैं कहा खराब हूँ , मैं तो लाजवाब हूँ
मैं ये मनवाना चाहता हूँ
मान जा, ऐ खुदा, इतनी सी है दुआ
मैं बन जाऊँ सब से बडा
मेरे पीछे, मेरे आगे, हात जोडे दुनिया भागे
बस इतना सा ख्वाब है
शान से रहूँ सदा, मुझ पे लोग हो फिदा
हसीनाये भी दिल हो खोती
दिल का ये कंवल खिले, सोने का महल मिले
बरसने लगे हिरे मोती
मान जा, ऐ खुदा, इतनी सी है दुआ
मैं ज्यादा नहीं मांगता
सारी दौलत, सारी ताकत, सारी दुनिया पर हुकूमत
बस इतना सा ख्वाब है