ओ छुपने वाले अब तेरी - The Indic Lyrics Database

ओ छुपने वाले अब तेरी

गीतकार - मजरूह | गायक - रफ़ी, आशा | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - काला पानी | वर्ष - 1958

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ओ छुपने वाले अब तेरी चिलमन की ख़ैर हो
दिलवाले आ गए तेरे दामन की ख़ैर हो
ओ दिलवाले हम तेरी गली तक आ पहुँचे
एक आवारा बने हुए टूटा तारा बने हुए
नहीं जिनके ठिकाने जो हैं सबसे बेगाने
वही तेरे दीवाने हाँ वही
ओ दिलवाले हम
शहरों-शहरों फिरते हुए पहुँचे उठते-गिरते हुए
लेके शाम-ओ-सहर तेरा दर्द-ए-जिगर
लिए फिरते थे दर-ब-दर हाँ वही
ओ दिलवाले हम
साथी को साथ लिए हाथों में हाथ लिए
राहों में गुल खिलाते झूमते गुनगुनाते
तेरी नज़रों के दीवाने हाँ वही
ओ दिलवाले हम
तेरे दर तक आ ही गए आख़िर तुझको पा ही गए
जिनके घायल हैं दिल जिनका तू है क़ातिल
जिनसे बचना है मुश्किल हाँ वही
ओ दिलवाले हम