मैं जहाँ रहूँ , मैं कहीं भी हूँ, तेरी याद साथ है - The Indic Lyrics Database

मैं जहाँ रहूँ , मैं कहीं भी हूँ, तेरी याद साथ है

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - राहत फ़तेह अली खान | संगीत - हिमेश रेशमिया | फ़िल्म - नमस्ते लंडन | वर्ष - 2007

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मैं जहाँ रहूँ, मैं कहीं भी हूँ, तेरी याद साथ है
किसीसे कहूँ के नहीं कहूँ, यह जो दिल की बात है
कहने को साथ अपने एक दुनिया चलती है
पर चुपके इस दिल में तन्हाई पलती है
बस याद साथ है ...
कहीं तो दिल में यादों की इक सूली गड़ जाती है
कहीं हर एक तस्वीर बहोत ही धुंदली पड़ जाती है
कोई नई दुनिया के नये रंगो में खुश रहता है
कोई सब कुछ पाके भी यह मन ही मन कहता है
कहीं तो बीते कल की जड़े, दिल में ही उतर जाती है
कहीं जो धागे टूटे तो, मालायें बिखर जाती हैं
कोई दिल में जगह नई बातों के लिये रखता है
कोई अपनी पलकों पर यादों के दिये रखता है