जिंदगी उसी की है जो जिंदगी से खेले - The Indic Lyrics Database

जिंदगी उसी की है जो जिंदगी से खेले

गीतकार - इन्दीवर | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - श्याम बाबू पाठक | फ़िल्म - हमारी दुनिया | वर्ष - 1952

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ज़िंदगी उसी की
आ हा हा हा आ ...
ज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेले
जो ज़िंदगी से खेलेज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेले
ज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेले
शमा जल रही है परवानों के हैं मेले
शमा जल रही है परवानों के हैं मेले
ज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेले
ज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेलेतूने देखा मैं ने देखा फिर आगे बात बढ़ी
जैसे जैसे मुलाक़ात बढ़ी
देखा किये लोग उठती रही निगाहें
चलते गये हम और मिलती गयी राहें
मौसम सुहाना है
मौसम सुहाना है
दिन अलबेले अलबेले अलबेलेज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेले
ज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेलेशोखी है नज़ारों में मस्ती है बहारों में
तुम एक हज़ारों में जैसे चांद सितारों में
कर लो वादें खा लो क़समें
कोइ दिल में न बात रहे जब तक ये रात रहे
मौसम सुहाना है
मौसम सुहाना है
दिन अलबेले अलबेले अलबेलेज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेले
ज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेले
शमा जल रही है परवानों के हैं मेले
शमा जल रही है परवानों के हैं मेले
ज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेले
ज़िंदगी उसी की जो ज़िंदगी से खेले