जाने कैसे सपनों में खो गई अँखियां - The Indic Lyrics Database

जाने कैसे सपनों में खो गई अँखियां

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - पं. रवी शंकर | फ़िल्म - अनुराधा | वर्ष - 1960

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जाने कैसे सपनों में खो गई अँखियां
मैं तो हूँ जागी, मोरी सो गई अँखियां
अजब दीवानी भई, मोसे अनजानी भई
पल में पराई देखो हो गई अँखियां
बरसी ये कैसी धारा, काँपे तनमन सारा
रंग से अंग भीगो गई अँखियां
मन उजियारा छाया, जग उजियारा छाया
झगमग दीप सॅंजो गई अँखियां
कोई मन भा गया, जादू वो चला गया
मन के दो मोतियाँ पिरो गयी अँखियां