आँखों में समा जाओ, इस दिल में रहा करना - The Indic Lyrics Database

आँखों में समा जाओ, इस दिल में रहा करना

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - यास्मीन | वर्ष - 1950

View in Roman

आँखों में समा जाओ, इस दिल में रहा करना
तारों में हँसा करना, फूलों में खिला करना
आँखों में समा जाओ, इस दिल में रहा करना

जब से तुम्हें देख है, जब से तुम्हें पाया है
कुछ होश नहीं मुझको, एक नशा सा छाया है
अब बात जो करनी हो, आँखों से कहा करना

(आइये काश धड़कता दिल, कुछ देर ठहर जाए
ये रात, मोहब्बत की, यूँही न गुज़र जाए) -२
बाकी अभी तुम पर, ये जान फ़िदा करना
आँखों में समा जाओ, इस दिल में रहा करना

(किस्मत न दिखाए अब, घड़ियाँ हमें फ़ुरकत की
हर रात यूँही चमके, तक़दीर मोहब्बत की) -२
आइये चाँद सितारों तुम मिलजुल के दुआ करना
आँखों में समा जाओ, इस दिल में रहा करना