तेरे सदक़े बलम न कर कोई ग़म - The Indic Lyrics Database

तेरे सदक़े बलम न कर कोई ग़म

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - अमर | वर्ष - 1954

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तेरे सदक़े बलम न कर कोई ग़म
ये समा ये जहां फिर कहाँ
दिन हैं सुहाने फिर कौन जाने
आए ना आए बहार
तू ग़म को पी ले, दम भर को जी ले
दुनिया का क्या ऐतबार
काँटों में दामन उलझे न साजन
फूलों में हँसकर गुज़ार
थोड़ी ख़ुशी है थोड़ी हँसी है
दुख ज़िन्दगी में हज़ार
नैया मिलन की मौजें पवन की
कहती हैं तुझको पुकार
गाता चला चल, हँसता चला चल
जीवन की नदिया के पार