मोहे भूल गए साँवरिया - The Indic Lyrics Database

मोहे भूल गए साँवरिया

गीतकार - शकील | गायक - लता | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - बैजू बावरा | वर्ष - 1952

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जो मैं ऐसा जानती
के प्रीत किये दुख होय
ओ, नगर ढिंढोरा पीटती
के प्रीत न करियो कोय
मोहे भूल गए साँवरिया, भूल गए साँवरिया
आवन कह गये, अजहुं न आये
लीनी न मोरी खबरिया
मोहे भूल गए...
(दिल को दिए क्यों दुख बिरहा के
तोड़ दिया क्यों महल बना के)
आस दिला के ओ बेदर्दी
फेर ली काहे नजरिया
मोहे भूल गए...
(नैन कहे रो-रो के सजना
देख चुके हम प्यार का सपना)
प्रीत है झूटी, प्रीतम झूटा
झूटी है सारी नगरिया
मोहे भूल गए...