पलकों के पीछे से क्या तुम ने कह डाला - The Indic Lyrics Database

पलकों के पीछे से क्या तुम ने कह डाला

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता - रफी | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - तलाश | वर्ष - 1969

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पलकों के पीछे से क्या तुम ने कह डाला
फिर से तो फर्माना
नैनों ने सपनों की महफ़िल सजायी है
तुम भी ज़रूर आना
तोबा मेरी तोबा, मुश्किल था एक तो पहले ही दिल का बहलना
आफ़त फिर उस पे लट में तुम्हारा मुखड़ा छिपा के चलना
ऐसे ना बोलो, पड जाये मुझ को शरमाना
दुनिया ना देखे धड़के मेरा मन रस्ता सजन मेरा छोड़ो
तन थरथराये उंगली हमारी देखो पिया ना मरोड़ो
यूँ ना सताओ, मुझ को बना के दीवाना
बच बच के हम से, ओ मतवाली है ये कहाँ का इरादा
नाजुक लबों से फिर करती जाओ मिलने का कोई वादा
दिल ये मेरा घर है तुम्हारा, आ जाना