आँखों में क्या जी - The Indic Lyrics Database

आँखों में क्या जी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - नौ दो ग्यारह | वर्ष - 1950

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आँखों में क्या जी
रुपहला बादल
बादल में क्या जी
किसी का आँचल
आँचल में क्या जी
अजब सी हलचल

रंगीं है मौसम
तेरे दम की बहार है
फिर भी है कुछ कम
बस तेरा इंतज़ार है
देखने में भोले हो
पर हो बड़े चंचल
आँखों में क्या जी...

झुकती हैं पलकें
झुकने दो और झूम के
उड़ती हैं ज़ुल्फें
उड़ने दो होंठ चूम के
देखने में...

झूमें लहराएं
नयना मिल जाये नैन से
साथी बन जाएं
रस्ता कट जाये चैन से
देखने में...