मुझको जीने का बहाना मिल गया है - The Indic Lyrics Database

मुझको जीने का बहाना मिल गया है

गीतकार - डाॅ सफदर"आह" | गायक - सुरेंद्र नाथी | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - गरीब | वर्ष - 1942

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न बोल पी पी मोरे अंगना, पंछी जा जा रे जा

न बोल पी पी मोरे अंगना, पंछी जा जा रे जा

रुत अलबेली आ गयी

और कारी बदरिया छा गयी, लो छा गयी

पंछी तेरा हो बुरा

क्यों आग लगाने आ गया

तू मान मेरा कहना बैरी, दिल को न जला

पंछी जा जा रे जा

मैं हूँ अकेली बाँवरी

और साथ नहीं मोरे साँवरे, मोरे साँवरे

साजन बिन तरसा करूँ

मैं हाय अकेली क्या करूँ

सुन ठेस लागे दिल पे हाये, वो गाना तू न गा

पंछी जा जा रे जा