गलत है लूट लिया तुमको हुस्न वालों ने - The Indic Lyrics Database

गलत है लूट लिया तुमको हुस्न वालों ने

गीतकार - अख्तर लखनवी | गायक - सहगान, रंगनाथ जाधव | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - चांद | वर्ष - 1959

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mukhaDaa is sung first by male, then by female chorus then by male+female<ब्र>chorusग़लत है लूट लिया तुमको हुस्न वालों ने
तुम्हें तो लूटा तुम्हारे बुरे ख़यालों नेख़ता तुम्हारी है इल्ज़ाम हुस्न वालों पर -२
ख़ुदा की मार तुम्हारे बुरे ख़यालों पर -२
female1 : नज़र तुम्हारी हमेशा है ख़ुशजमालों पर
female2 : किसी के बालों पे आशिक़ किसी के गालों पर
ज़माना थूकेगा वल्लाह ऐसी चालों पर -२
तरस न खायेगा कोई तुम्हारे हालों पर -२
आ आ आ
जवाब साफ़ मिलेगा तुम्हें सवालों पर
ज़ुबान खोली अगर तुमने हुस्न वालों पर(ग़लत है लूट लिया तुमको हुस्न वालों ने
तुम्हें तो लूटा तुम्हारे बुरे ख़यालों ने) -२जहाँ कहीं तुम्हें कोई हसीं नज़र आया -२
तुम्हारे दिल ने तुम्हारी नज़र को बहकाया -२
female1 : के तुमने दिल से शराफ़त को यूँ मिटा डाला
female2 : बुरे ख़याल ने अंधा तुम्हें बना डाला
तुम अपनी आबरू ख़ुद अपने हाथों खोते हो -२
बुरे हो दिल में बुराई के बीज बोते हो -२
आ आ आ
हमेशा हुस्न का रोना जहाँ में रोते हो
ज़रा बताओ हसीनों के कौन होते होके (ग़लत है लूट लिया तुमको हुस्न वालों ने
तुम्हें तो लूटा तुम्हारे बुरे ख़यालों ने) -२गुनाहगार तुम्हारी निगाहें होती हैं -२
तुम्हारे दिल की तो दुनिया सियाह होती है -२
female1 : न इश्क़ होता है तुमको न चाह होती है
female2 : यही वो बात है बढ़कर गुनाह होती है
female1 : कहा तो ज़ुल्म सहेंगे ये पुरजफ़ाओं के
female2 : जनाज़ें रोज़ निकलते हैं बेहयाओं के
इन्हें न छेड़ो ख़ुदारा के ख़ादिमाएं हैं -२
तुम्हारी बहनें हैं बेती हैं और माँ_एं हैं -२
आ आ आ
न काली ज़ुल्फ़ों से मतलब न गोरे गालों से
ख़ुदा बचाए हर इक को बुरे ख़यालों सेके (ग़लत है लूट लिया तुमको हुस्न वालों ने
तुम्हें तो लूटा तुम्हारे बुरे ख़यालों ने) -२