करुण ना याद मगर किस तराह भुलौन उसे - The Indic Lyrics Database

करुण ना याद मगर किस तराह भुलौन उसे

गीतकार - अहमद फ़राज़ी | गायक - आशा भोंसले, गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - मेराज-ए-ग़ज़ल (गैर फ़िल्म) | वर्ष - 1983

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करूँ न याद मगर किस तरह भुलाऊँ उसे
गज़ल बहाना करूँ और गुनगुनाऊँ उसेवो ख़ार ख़ार है शाख़-ए-गुलाब की मानिन्द
मैं ज़ख़्म ज़ख़्म हूँ फिर भी गले लगाऊँ उसेये लोग तज़्किरे करते हैं अपने प्यारों के
मैं किससे बात करूँ और कहाँ से लाऊँ उसेजो हमसफ़र सर-ए-मंज़िल बिछड़ रहा है 'फ़राज़'
अजब नहीं है अगर याद भी न आऊँ उसे