यहीं बहार है दुनिया को भुल जाने की - The Indic Lyrics Database

यहीं बहार है दुनिया को भुल जाने की

गीतकार - कैफ इरफानी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रोशन | फ़िल्म - रागरंग | वर्ष - 1952

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ला ला ला ला~यही बहार है, यही बहार है~
यही बहार है दुनिया को भूल जाने की
खुशी मनाने की
यही घडी है जवानी के गुनगुनाने की
हाँ, मुस्कुराने कीये प्यारे प्यारे नज़ारे ये ठंडी ठंडी हवा
ये हल्का हल्का नशा
ये काली काली घटाओं की मस्त मस्त अदा
ये कोयल.ओन की सदा
मचल के आ गयी, मचल के आ गयी~
मचल के आ गयी रुत मस्तियाँ लुटाने की
हाँ, झोओम जाने कीकली कली से ये भंवरे ने मुस्कुराके कहा
नज़र मिला के कहा
नज़र से काम न निकला तो गुदगुदा के कहा
गले लगा के कहा
किया है प्यार तो, किया है प्यार तो~
किया है प्यार तो परवा न कर ज़माने की
हाँ, हँसी उडाने कीओ ओ ओ~~~~
जो टूटा है रुबां~~~~
जो टूटा है रुबां, उसको टूट जाने दे
मेरे शबाब को जी भर के गीत गाने दे
हाँ, गीत गाने दे
तड़प उठी हैं, तड़प उथी हैं~
तड़प उठी हैं तमन्नाएं झूम जाने की
हाँ, लगी बुझाने की