दिल दिया दौलत को ऐ इंसान तूने क्या किया - The Indic Lyrics Database

दिल दिया दौलत को ऐ इंसान तूने क्या किया

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, एस डी बातीश | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - भागम भाग | वर्ष - 1950

View in Roman

र: दिल दिया दौलत को ऐ इंसान तूने क्या किया
भूल बैठा प्यार को नादान तूने क्या किया


आँखों को मिला यार से
आँखों को मिला यार से पीने का मज़ा ले-२
बा: अरे मिट कर किसी दिलदार पे जीने का मज़ा ले
मिट कर किसी दिलदार पे जीने का मज़ा ले

दौलत की हवस छोड़ कहीं प्यार में सो जा
और जलवों की बरसात में हस्ती को डुबो जा
फिर
अरे फिर झूम के आं
फिर झूम के सावन के महीने का मज़ा ले-२
आहे
र: आँखों को मिला यार से पीने का मज़ा ले
बा: मिट कर किसी दिलदार पे जीने का मज़ा ले

र: आ
ग़ाफ़िल कभी पैसे के तू नज़दीक न जाना
ख़ंज़र है ये ख़ंज़र कलेजे से न लगाना

ये ज़िंदगी दो दिन की है

ये ज़िंदगी दो दिन की है जीने का मज़ा ले-२
आँखों को मिला यार से पीने का मज़ा ले
बा: मिट कर किसी दिलदार पे जीने का मज़ा ले

र: ( आ
दौलत से चला प्यास बुझाने तू जिगर की )-२
बा: आ
बह जा कहीं मौजों में किसी मस्त नज़र की
र: आ
प्यासा है तो इस मौज से
हाँ
अरे प्यासा है तो इस मौज से पीने का मज़ा ले
प्यासा है तो इस मौज से पीने का मज़ा ले
मिट कर किसी दिलदार पे जीने का मज़ा ले
आँखों को मिला यार से पीने का मज़ा ले
आहे आँखों को मिला यार से पीने का मज़ा ले