पल कैसा पल - The Indic Lyrics Database

पल कैसा पल

गीतकार - Nil | गायक - Nil | संगीत - Nil | फ़िल्म - Nil | वर्ष - Nil

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पल कैसा पल
पल में जाए फिसल
चाह के भी पकड़ पाऊँ ना
मिलके जुदा हो न पाएगा दिल
दिल को मैं समझ पाऊँ ना
ख़्वाहिश है इतनी सी यार
देर तक रुकना अब की बार
प्यार के लम्हें हो हज़ार
उन्हीं में सदियाँ जी लूँगा मैं
मटमैले पानियों में अक्स तेरा दिखता है
बारिश के बूंदा-बूंदी में पन्ने धुंधले लिखता है
जो होना हो जाने दो
तारों को सो जाने दो
साँसों को खो जाने दो ना
अब तेरे बिन मेरा जिक्र ही गुम जाएगा
इस पल को कस के थाम लूँ
हथेली से फिर निकल जाए ना
छुपता सूरज या बादल
मन चला होने पागल
तुझको पुकारे हर पल यार
पत्तों पे बूँदे जैसे
सुबह को ढूँढे जैसे
ढूँढू हर पल मैं तुझको यार
अब ख़ुदा मिले ना मिले
ख़ुदाया तुझको माना है
इश्क़ के आगे है झुका
आज ये पल भी दिवाना है