हम चुप हैं की दिल सुन रहे हैं - The Indic Lyrics Database

हम चुप हैं की दिल सुन रहे हैं

गीतकार - शहरयारी | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - शिव-हरि | फ़िल्म - फासले | वर्ष - 1985

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ल : हम चुप हैं कि दिल सुन रहे हैं
धड़कनों को आहटों को
साँसें रुक सी गई हैं
दो : हम चुप हैं ...कि : देखो अब दुनिया को गौर से
पहले से नई पहले से हसीं
ल : हम तुमको मिलना था मिल गए
क्या ये आसमाँ कौन ये ज़मीं
हम जो देखें तुमको देख
साँसें रुक सी गई हैं
दो : हम चुप हैं ...कि : लफ़्ज़ों में जिनको ना कह सके
आँखों से कहें होंठों से सुनें
ल : ख़ुश्बू के साए में बैठ के
फूल हम चुनें ख़्वाब हम बुनें
इसके आगे कुछ ना सोचें
साँसें रुक सी गई हैं
दो : हम चुप हैं ...