दो घडी वो जो पास आ बैठे - The Indic Lyrics Database

दो घडी वो जो पास आ बैठे

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता - रफी | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - गेटवे ऑफ इंडिया | वर्ष - 1957

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दो घड़ी वो जो पास आ बैठे
हम ज़माने से दूर जा बैठे
भूल की उनका हमनशीं हो के
रोयेंगे दिल को उम्रभर खो के
हाए क्या चीज़ थी लूटा बैठे
दिल को एक दिन जरुर जाना था
वहीं पहुँचा जहाँ ठिकाना था
दिल वही दिल जो दिलमें जा बैठे
एक दिल ही था ग़मगुसार अपना
मेहरबां, ख़ास राज़दार अपना
गैर का क्यों उसे बना बैठे?
गैर भी तो कोई हसीं होगा
दिल यूँ ही दे दिया नहीं होगा
देखकर कुछ तो चोट खा बैठे