आ, मुहब्बत की बस्ती बसाएँगे हम - The Indic Lyrics Database

आ, मुहब्बत की बस्ती बसाएँगे हम

गीतकार - मजरूह | गायक - किशोर, लता | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - फरेब | वर्ष - 1953

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आ, मुहब्बत की बस्ती बसाएँगे हम
इस ज़मीं से अलग, आसमानों से दूर
मुहब्बत की बस्ती ...

लता:
मैं हूँ धरती तू आकाश है, ओ सनम
देख धरती से आकाश है कितनी दूर
तू कहाँ, मैं कहाँ, है यही मुझको ग़म
देख धरती से आकाश ...

किशोर:
दूर दुनिया से, कोई नहीं है जहाँ
मिल रहें हैं वहाँ पर ज़मीं आसमाँ
छुप के दुनिया से फिर क्यूँ न मिल जाएँ हम
इस ज़मीं से अलग ...

लता:
तेरे दामन तलक हम तो क्या आएँगे
यूँ ही हाथों को फैला के रह जाएँगे
कोई अपना नहीं बेसहारे हैं हम
देख धरती से आकाश ...$