ओ आजा पंछी अकेला है - The Indic Lyrics Database

ओ आजा पंछी अकेला है

गीतकार - मजरूह | गायक - आशा, रफी | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - नौ दो ग्याराह | वर्ष - 1957

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( ओ आजा पंछी अकेला है
ओ सो जा निन्दिया की बेला है ) -
ओ आजा पंछी अकेला है
( उड़ गई नींद यहां मेरे नैन से
बस करो यूंही पड़े रहो चैन से ) -
लागे रे डर मोहे लागे रे
ओ ये क्या डरने की बेला है
ओ आजा पंछी अकेला है
( ओहो कितनी घुटी सी है ये फ़िज़ा
आहा कितनी सुहानी है ये हवा ) -
मर गये हम निकला दम मर गये हम
मौसम कितना अलबेला है
ओ आजा पंछी अकेला है
( बिन तेरे कैसी अंधेरी ये रात है
दिल मेरा धड़कन मेरी तेरे साथ है ) -
तन्हा है फिर भी दिल तन्हा है
लागा सपनों का मेला है
ओ आजा पंछी अकेला है