हंसी चांद की आज निराली - The Indic Lyrics Database

हंसी चांद की आज निराली

गीतकार - जाकिर हुसैन | गायक - बिनाता बोस | संगीत - आर सी बोराल | फ़िल्म - हमराही | वर्ष - 1945

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हँसी चाँद की आज निराली
मन को लुभानेवाली
अँधेरे को दूर हटा के
फैलाये उजियालीदौड़ी हवा चमन में आए
ये नहीं जाने कौन बुलाए
फूल फूल पर मन भरमाए
फिरती डाली डाली
हँसी चाँद की ...आसमान भी झूम रहा है
चंदन-तिलक लगाए
फिरे मगन हंसों का जोडा
अपने पंख मिलाए
स्वर्ग-देश की कौन ये बाला
ढूँढ़ रही फूलों की माला
आज ये कैसे दीप जलाती
कैसी ये दिवाली
हँसी चाँद की ...