चुम कर रात जो सुलायेगी तो निन्द आएगी - The Indic Lyrics Database

चुम कर रात जो सुलायेगी तो निन्द आएगी

गीतकार - | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - रजिया सुल्तान | वर्ष - 1983

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चूम कर रात जो सुलायेगी तो नींद आयेगी
ख़्वाब बन कर कोई आयेगा तो नींद आयेगी
अब वही आ के सुलायेगा तो नींद आयेगी
ख़्वाब बन कर ...बात जो सिर्फ़ निगाहों से कही जाती है
कोई होंठों से सुनायेगा तो नींद आयेगी
ख़्वाब बन कर ...नर्म ज़ुल्फ़ों की महक गर्म बदन की खुशबू
चुपके चुपके वो चुरायेगा तो नींद आयेगी
ख़्वाब बन कर ...जिस्म हाथों की हरारत से पिघल जायेगा
आग रग रग में लगायेगा तो नींद आयेगी
ख़्वाब बन कर ...