बहे ना कभी नै से निरो - The Indic Lyrics Database

बहे ना कभी नै से निरो

गीतकार - यशोदानंद जोशी | गायक - मुकेश | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - विद्या | वर्ष - 1948

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बहे न कभी नैन से नीर
उठी हो चाहे दिल में पीर
बाँवरे यही प्रीत की रीतआशायें मिट जायें तो मिट जायें
दिल की आहें कभी न बाहर आयें
भरी हो होंठों पर मुस्कान
न कोई ले दिल को पहचान
इसी में है रे तेरी जीत
बाँवरे यही प्रीत की रीतदीपक जले भवन में रहे पतंगा बन में
प्रीत खींच कर लायी उसे जलाया क्षण में
जलन का उसे कहाँ था होश
प्यार का चढ़ा हुआ था जोश
गा रही दुनियाँ उसकी गीत
बाँवरे यही प्रीत की रीत