मैं हर एक पल का शायर हूँ - The Indic Lyrics Database

मैं हर एक पल का शायर हूँ

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मुकेश | संगीत - खय्याम | फ़िल्म - कभी कभी | वर्ष - 1976

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मैं हर एक पल का शायर हूँ
हर एक पल मेरी कहानी है
हर एक पल मेरी हस्ती है
हर एक पल मेरी जवानी है
रिश्तों का रूप बदलता है
बुनियादें ख़त्म नहीं होतीं
ख़्वाबों की और उमंगों की
मीआदें ख़त्म नहीं होतीं
एक फूल में तेरा रूप बसा
एक फूल में मेरी जवानी है
एक चेहरा तेरी निशानी है
एक चेहरा मेरी निशानी है
तुझको मुझको जीवन अमृत
अब इन हाथों से पीना है
इनकी धड़कन में बसना है
इनके साँसों में जीना है
तू अपनी अदाएँ बख़्श इन्हें
मैं अपनी वफ़ाएँ देता हूँ
जो अपने लिए सोची थी कभी
वो सारी दुआएँ देता हूँ