नशीली रात है लो आयी मिलन की रात सुहानी रात - The Indic Lyrics Database

नशीली रात है लो आयी मिलन की रात सुहानी रात

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - आशिक | वर्ष - 1962

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नशीली रात है सारे चिराग़ गुल कर दो
ख़ुशी की रात में क्या काम जलने वालों कालो आयी मिलन की रात सुहानी रात -२
नैनों से किसी के नैन मिले हाथों में किसी का हाथ
लो आयी मिलन की ...देने को मुबारकबाद तुम्हें ये चाँदनी दर पर आ ही गई
होँठों पे वफ़ा के गीत लिए इक चन्द्र किरन शरमा ही गई
जीवन में कितने रंग भरे ये मेहंदी वाले हाथ
लो आयी मिलन की ...दुनिया ने तो क्या-क्या नज़र दिया दुल्हन को चमकता नज़राना
हम दिल का शगूफ़ा लाए हैं अनमोल है ये तो दीवाना
कर लीजिए क़ुबूल इस दिल को रह जाएगी अपनी बात
लो आयी मिलन की ...