ओ प्राणी क्या सोचे क्या होए - The Indic Lyrics Database

ओ प्राणी क्या सोचे क्या होए

गीतकार - ईश्वर चंद्र कपूर | गायक - मुकेश | संगीत - एम ए मुख्तारी | फ़िल्म - चेहरा | वर्ष - 1946

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ओ तारा को चाँद बनाने वाले

ओ तारा को चाँद बनाने वाले

इस चाँद को कौन सँभाले

बादल आएंगे बनबन कर मतवाले

भोले परदेसी बार बार तू आना

तेरी हसींओं में मेरा छुपा ज़माना

तू दिल को अपने दिल के पास बुला ले

दिन में ख़ुशियाँ रातों में मस्ती आई

एक नई छबी बनती है हर अंगड़ाई

ज़ुल्फ़ों की छाँव में अपने नैन घुला ले