और तो कोई नहीं बारसो रे हाय बैरी बदरवा - The Indic Lyrics Database

और तो कोई नहीं बारसो रे हाय बैरी बदरवा

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - सहगान, आशा भोंसले | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - फागुन | वर्ष - 1958

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और तो कोई नहीं सहारा तू ही हाथ बढ़ा दे
गंगा यमुना बन के बादल ग़म की आग बुझा देओ बरसो रे, हाय! बैरी बदरवा बरसो रे
आज किसी की प्रीत नगर में लग न जाये आग
ओ बरसो रे ...दुनिया वाले प्रीत के दुशमन दिल तड़पाने वाले
कोई नहीं बुझाने वाला सब हैं लगाने वाले
ओ बरसो रे ...अंगारों की डोली लाया जनम जनम का साथी
मौत का घूँघट ले कर मैं भी पिया मिलन को जाती
ओ बरसो रे ...