ऐसा देस है मेरा - The Indic Lyrics Database

ऐसा देस है मेरा

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - लता मंगेशकर - उदित नारायण | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - वीर जारा | वर्ष - 2004

View in Roman

धरती सुनहरी अम्बर नीला
हर मौसम रंगीला
ऐसा देस है मेरा
बोले पपीहा कोयल गाए
सावन घिर के आए
ऐसा देस है मेरा
गेंहू के खेतों में कंघी जो करे हवाएँ
रंग-बिरंगी कितनी चुनरियाँ उड़-उड़ जाएँ
पनघट पर पनिहारन जब गगरी भरने आये
मघुर मधुर तानों में कहीं बन्सी कोई बजाए
लो सुन लो
क़दम-क़दम पे है मिल जानी कोई प्रेम कहानी
ऐसा देस है मेरा
बाप के कंधे चढ़ के जहाँ बच्चे देखे मेले
मेलों में नट के तमाशे, कुल्फी के चाट के ठेले
कहीं मिलती मीठी गोली, कहीं चूरन की पुड़ियां
भोले भोले बच्चे है जैसे गुड्डे और गुड़िया
और इनको
रोज़ सुनाए दादी नानी एक परियों की कहानी
ऐसा देस है मेरा
मेरे देस में मेहमानों को
भगवान कहा जाता है
वो यहीं का हो जाता है
जो कहीं से भी आता है
तेरे देस को मैंने देखा
तेरे देस को मैंने जाना
जाने क्यों ये लगता है
मुझको जाना पहचाना
यहॉं भी वही शाम है वही सवेरा
ऐसा ही देस है मेरा
जैसा देस है तेरा
ऐसा देस है मेरा
जैसा देस है तेरा