ओऽ परदेसी मुसाफ़िर - The Indic Lyrics Database

ओऽ परदेसी मुसाफ़िर

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - सुरैया, लता | संगीत - हुस्नलाल-भगतराम | फ़िल्म - बालम | वर्ष - 1949

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ओ साँवली ओ साँवली ओ साँवली मतवाली

ओ साँवली ओ साँवली ओ साँवली मतवाली

तूने है क्यूँ चुरा ली मुझको मुझ से बचा ली

दिल में बसी थी कल तक फ़रियाद और आहें

मेहमान हो गयी थीं इस घर में सौ बलायें

इन सब से कह दिया है दिल क्यूँ न कर दे खाली

है आज मेरे घर में एक हुस्न का ख़ज़ाना

बिखरी हुई हैं ज़ुल्फ़ें छेड़ा जो मुस्कुराना

कुछ बिजलियाँ गिरी हों जैसे कि घटा काली

आने से यहाँ तेरे ये साँवली खिली है

मौसम पलट गया है दुनिया बदल गयी है

आँखों मे जाग उठी है मस्ती की सौ दिवाली