ठाड़े रहियो ओ बाँके यार रे - The Indic Lyrics Database

ठाड़े रहियो ओ बाँके यार रे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - पाकीज़ा | वर्ष - 1971

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चाँदनी रात बड़ी देर के बाद आई है
ये मुलाक़ात बड़ी देर के बाद आई है
आज की रात वो आए हैं बड़ी देर के बाद
आज की रात बड़ी देर के बाद आई है
ठाड़े रहियो ओ बाँके यार रे
ठाड़े रहियो, ठाड़े रहियो
ठहरो लगाई आऊँ नैनों में कजरा
चोटी में गूँध आऊँ फूलों का गजरा
मैं तो कर आऊँ सोलह सिंगार रे
जागे न कोई रैना है थोड़ी
बोले छमाछम पायल निगोड़ी
अजी धीरे से खोलूँगी द्वार रे
सैंया धीरे से
मैं तो चुपके से
अजी हौले से खोलूँगी द्वार रे