ओ परदेसी घर आ जा - The Indic Lyrics Database

ओ परदेसी घर आ जा

गीतकार - पंडित इंद्र | गायक - राजकुमारी | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - अपना पराया | वर्ष - 1942

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ओ रूठे हुये भगवान

ओ रूठे हुये भगवान

तुमको कैसे मनाऊँ

ओ रूठे हुये भगवान

तू ही नहीं सुनता तो किसको

हाल सुनायूँ

तुमको कैसे मनाऊँ

ओ रूठे हुये भगवान

तुमको कैसे मनाऊँ

ओ रूठे हुये भगवान

तूफ़ान में डाली से कली टूट रही है

इक आस थी वो आस भी अब छूट रही है

इस टूटी हुई आस को लेकर कहाँ जाऊँ

लेकर कहाँ जाऊँ

तुमको कैसे मनाऊँ

ओ रूठे हुये भगवान

तुमको कैसे मनाऊँ

ओ रूठे हुये भगवान

दिल कहता है बेटे के लिये जान भी देकर

इक माँ का तड़पता हुआ दिल हाथ में लेकर

मैं रोती तड़पती तेरे दरबार में आऊँ

तुमको कैसे मनाऊँ

ओ रूठे हुये भगवान

तुमको कैसे मनाऊँ

ओ रूठे हुये भगवान

जब जाग उठे मेरे तड़पने से तेरा दिल

दामन को पकड़ कर ये पुकारेगा मेरा दिल

दिल तोड़ ही देना था तो क्यूँ माँ को दिया दिल

क्यूँ माँ को दिया दिल

दुनिया की हर इक माँ का तुझको दर्द सुनाऊँ

तुमको कैसे मनाऊँ

ओ रूठे हुये भगवान

तुमको कैसे मनाऊँ

ओ रूठे हुये भगवान