कौन रोकेगा अब मैं टू पीआईआई की नगरिया जाने लगी - The Indic Lyrics Database

कौन रोकेगा अब मैं टू पीआईआई की नगरिया जाने लगी

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - एक कली मुस्कायी | वर्ष - 1968

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कौन रोकेगा अब प्यार का रास्ता
मैं तो पी की नगरिया जाने लगी
आज बैठे-बिठाए ये क्या हो गया
दिल की हर बात आँखों में आने लगी
मैं तो पी की नगरिया ...( आ गए ) -२ मुस्कुराने के दिन
लड़खड़ाने के दिन गुनगुनाने के दिन
मैने पायल तो पाँवों में बाँधी नहीं
और आवाज़ घुँघरू की आने लगी
मैं तो पी की नगरिया ...कोई राहों में कलियाँ बिछाने लगा
और इशारों से मुझको बुलाने लगा
मैने दर्पण अभी तक तो देखा नहीं
( और बिंदिया ) -२ मगर झिलमिलाने लगी
मैं तो पी की नगरिया ...आज कैसी चली भीगी-भीगी पवन
सरसराने लगा मेरा नाज़ुक बदन
मैने पलकें अभी तक झुकाई नहीं
नींद क्यूँ मेरी आँखों में आने लगी
मैं तो पी की नगरिया ...