ठंडी हवा ये चांदनी सुहानी - The Indic Lyrics Database

ठंडी हवा ये चांदनी सुहानी

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - किशोर कुमार | फ़िल्म - झुमरू | वर्ष - 1961

View in Roman

ठंडी हवा ये चांदनी सुहानी
ऐ मेरे दिल सुना कोई कहानी
लम्बी सी एक डगर है जिंदगानी
ऐ मेरे दिल सुना कोई कहानी
सारे हसीं नज़ारे, सपनो में खो गये
सर रख के आसमां पे परबत भी सो गये
मेरे दिल तू सुना कोई ऐसी दास्ताँ
जिसको सुनकर मिले चैन मुझे मेरी जान
मंज़िल है अनजानी ...
ऐसे मैं चल रहा हूँ, पेड़ों की छाँव में
जैसे कोई सितारा, बादल के गाँव में
मेरे दिल तू सुना कोई ऐसी दास्ताँ
जिसको सुनकर मिले चैन मुझे मेरी जान
मंज़िल है अनजानी ...
थोड़ी सी रात बीती, थोड़ी सी रह गयी
खामोश रुत न जाने, क्या बात कह गयी
मेरे दिल तू सुना कोई ऐसी दास्ताँ
जिसको सुनकर मिले चैन मुझे मेरी जान
मंज़िल है अनजानी ...